भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ताज़ी लयकारी / विष्णुचन्द्र शर्मा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विष्णुचन्द्र शर्मा |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:35, 17 मार्च 2017 के समय का अवतरण
परिवार ने कहा
‘सुनाएं कविता!’
मुरैना स्टेशन से गुजरती ट्रेन से मैंने पूछा
‘कविता है यह या है कच्चा अनुभव!’
मैं यात्रा के कच्चे अनुभवों की खोजता रहा लय
धान के खेतों ने पूछा
‘कब सुनी थी मेरी लहरदार तान!’
फिर मैं चुपचाप साधता रहा
अनुभव की ताजी लयकारी!