भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"173 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:28, 31 मार्च 2017 के समय का अवतरण
मिली जा वधाई जा खेड़यां नूं लुडी मारके झुंमरा<ref>एक नाच का नाम</ref> घत दे ने
छालां मार उपुठियां खुशी होए के लाए मजलसां खेड़दे वत दे ने
भुले कुड़म मिले सानू शरम बाले रजे जट वडे अहिल पत दे ने
वारस शाह दी शीरनी वंडदिआं ने वडे देगचे दुध ते भत दे ने
शब्दार्थ
<references/>