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"218 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर

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17:15, 3 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

पैचां पिंड दयां सच तों तरक कीती काज़ी रिशवतां मारके चोर कीते
पहले होरनां नाल करार करके तम्हा वेख दामाद चा होर कीते
गल करे ईमान दी कढ छडनपैंच पिंड दे ठग ते चोर कीते
अशराफ<ref>शरीफ लोग, कुलीन</ref> दी बात मनजूर नाहीं चोर चैधरी अते लंडोर कीते
कां बाग दे विच कलोल करदे कूड़ा फोलने दे उते मोर कीते

शब्दार्थ
<references/>