भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"269 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:33, 3 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

छड चोरियां यारियां दगा जआ बहुत औखियां एह फकीरियां ने
जोग जालना सार दा तकला ए एस जोग विच बहुत जहीरियां ने
जोगी नाल नसीहतां हो जांदे जिवें ऊठ दे नक नकीरियां ने
तूंबा खपरी सिमरना नाद सिंगी चिमटा भन्ग नलयेर<ref>हुक्का</ref> जंजीरियां ने
छड त्रीमतां झाक हो जोगी फकर नाल जहान की सीरियां ने
वारस शाह एह जट फकीर होया नहीं हांदियां गधे तों पीरियां ने

शब्दार्थ
<references/>