भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"313 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:53, 3 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

वेहड़े जटां दे मंगदा चा वड़या अगे जट बैठा गां मेलदा ए
सिंगी फूक के नाद घुकाया सू जोगी गज के जा विच ठेलदा ए
वेहड़े विच अवधूत जा गजया ए मसत साहन वांगूं डंड पेलदा ए
हू हू करके संघ टडयो सू फीलबान<ref>महावत</ref> जयों हसती नूं पेलदा ए

शब्दार्थ
<references/>