भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"466 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

14:21, 5 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

करे जिन्हां दी रब्ब हमायतां नी हक तिन्हां दा खूल मामूल<ref>नित-प्रति</ref> कीता
जदों मुशरिकां<ref>काफिर</ref> आन सवाल कीता तदों चन्न दो खन्न<ref>दो टुकड़े</ref> रसूल कीता
कढ पधरो ऊठनी रब्ब सचे करामात पगम्बरी मूल कीता
वारस शाह जां कशफ<ref>भेद</ref> वखा दिता तदों जटी ने फकर कबूल कीता

शब्दार्थ
<references/>