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"स्याह चन्द्रमा / अनुभूति गुप्ता" के अवतरणों में अंतर

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18:18, 2 मई 2017 के समय का अवतरण

स्याह चन्द्रमा
दुःख की कथाएँ
कहता है
उसकी
दर्द-भरी याचनाएँ
सुनने को

कोई सहचर पास नहीं,
किसी से कोई आस नहीं।

आसमान काँपता है
वेदना कराहती है
हवा बेतुकी बातें करती है

धुएँ की ओट में
सभी कामनाएँ
स्याह चन्द्रमा की
पलभर में
ओझल हो जाती हैं।