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"आधुनिक तकनीक / अमरजीत कौंके" के अवतरणों में अंतर
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18:39, 26 जून 2017 के समय का अवतरण
सुनते थे
कि लोग चेहरे पर
मुखौटा चढ़ा लेते थे
बहुत पुरानी बात है
फिर एक मुखौटे के नीचे
दूसरा
फिर तीसरा
अनगिनत मुखौटे
यह बात भी पुरानी हो गई
समय बदलने के साथ
परिवर्तन आया
अब लोग मुखौटे नहीं पहनते
अब उन्होंने क्षणों में
चेहरे तबदील करने की
आधुनिक तकनीक सीख ली है
अभी तुम्हारे सामने
कबूतर बैठा था
अभी दहाड़ता शेर बन गया
अभी वह चालाक लोमड़ी में
परिवर्तित हुआ
और अभी तीतर-बटेर बन गया
अभी वो पालतू कुत्ता था
तुम्हारे पैर चाटता
अभी उड़न-साँप बन कर
तुम्हें काटता
इतना ज़हरीला
कि आदमी
पानी भी न मांगता
लोग
मुखौटे पहनते थे
यह युगों पुरानी बात है
अब लोगों ने
चेहरे तबदील करने की
आधुनिक तकनीक सीख ली है।