भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बोलना / सुशान्त सुप्रिय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुशान्त सुप्रिय |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:23, 27 जून 2017 के समय का अवतरण

हर बार जब मैं
अपना मुँह खोलता हूँ
तो केवल मैं ही नहीं बोलता

माँ का दूध भी
बोलता है मुझमें से

पिता की शिक्षा भी
बोलती है मुझमें से

मेरा देश
मेरा काल भी
बोलता है मुझमें से