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"बाज़ार-1 / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर

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17:51, 3 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

पहले वे जरूरतें पैदा करते हैं
शुरू -शुरू में पूरी भी करते हैं जरूरतें
पर आदी बनते ही
तटस्थ हो जाते हैं
फिर रह जाता है आदमी
अभाव में छटपटाता