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"बुलाती हूँ / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर

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10:04, 4 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

जब भी
अपने मातहत को
बुलाती हूँ प्रेम से
पूछती हूँ कुशल –क्षेम
कहती हूँ नरमी से
वक्त-वेवक्त
मददा ले लेने को
उसकी आँखों में
आतंक भर उठता है