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"वन्दना करते रहो / विजेता मुद्‍गलपुरी" के अवतरणों में अंतर

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11:31, 11 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

सरसती के वन्दना करते रहो या लक्ष्मी के
या कि उल्लू के चरण के, या कि रिश्वत देव जी के
प्रेम से जेकरा सुमरने, लीख वाला लाख होय छै
और जेकरा रूष्ट होने लाख वाला खाख होय छै

सरसती के वन्दना से मंथरा सन बुद्धि पाब
मंथरा सन बुद्धि पैने राज सिंघासन नचाब
राज सिंघासन नचैला से परम ज्ञानी कहाबै
ई परम ज्ञानी के आगू लोग सब माथा झुकाबै

लक्ष्मी के वन्दना से नोट के बरसात सम्भव
कुछ डोनेशन कुछ कमीशन अनबरत सुरुआत सम्भव
कुछ मिलल उपहार सम्भव कुछ मिलल खैरात सम्भव
लक्ष्मी के वन्दना से हर असम्भव बात सम्भव

धन्य दै ऊ जे कि उल्लू देव के पूजन करै छै
जहाँ उल्लू देवता छै, लक्ष्मी बैजें रहै छै
लक्ष्मी के साथ भेला से कुबेरो साथ होय छै
पाय के कुबेर दर्शन लोभ के सुरुआत होय छै

धन्य रिश्वत देव जे कि बास दफ्तर मंे करै छै
बिन चढ़ौआ के सुरु बकवास दफ्तर में करै छै
काम पूरा भे गेलो तब की चढ़ैभो से बताबो
बिन चढ़ौआ, काम कै, के आश दफ्तर में करै छै?