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"तरुण के ताको / विजेता मुद्गलपुरी" के अवतरणों में अंतर
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तरूण के ताको जे कि तन के तबाह करे
तमकि-तमकि ताड़ी पी के तरकै छै
केकरो कहल नै करै छै ई कायर
कहै केकरा में कस कही-कही करकै छै
समझै नै लाख समझैने, सूर-वीर बनै
सकै नै त सवल के देख सरकै छै
भनत विजेता मुनी नाक राखो गाली सुनी
भभकी क मुँह मल सन महँकै छै