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"रात गहरी है / स्वाति मेलकानी" के अवतरणों में अंतर

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13:45, 26 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

घटाटोप अंधेरे में
     चमकते जुगनुओं के बीच
     बची है जिन्दगी
     अभी भी...
     दिये जलाने होंगे जल्दी
     रात गहरी है
     ठंड बहुत है
     जुगनू कम हैं।