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"चऊखट / सरोज सिंह" के अवतरणों में अंतर

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22:32, 23 जनवरी 2018 के समय का अवतरण

बकईयाँ चलला से लेके
जवानी में डेग धइला तक ले
केंवाडी के ओहपार
चहुँपला से पहिले ही
पीछे से बरजत आवाज आवे
"हाँ.. हाँ... चउखट संभार के "
जवन चोट तब ठेहुन में लागत रहे
जवानी में उहे चोट मन पर उभर आवे
ओह्ह !! उ चउखट...
अउर ओके पार करे के सइ गो हिदायत
फेर इहे चउखट के गैर करार क दिहल
अउर कवनो अनचीन्ह चउखट पs
रुढीगत तौर तरीका के खोइंछा बान्ह के
बिदा कइल अउर ई कहल कि
"इहे चउखट प डोली उतरल
अब अर्थी भी इहें से उठी"
चउखट के ओर-छोर के पहाड़ बना देवे
अब, माई जब हमार जवान होत
बेटी के बे परवाही देखे ले
तब बेचैन हो के कहे ले
"बबुनी, अब इ बिटहिन् ना रह गईल
इ आन के घरे जाई
तनी अब कुछ सऊर सिखावs
ना त कब्बो ठोकर खा जाई "
अऊर हम मुस्कियात
माई के हाथ धीरे से दबा के कहेनी...
"माई! अब घरन में चउखट ना होत
एहिसे त...
अब उ बड़े आराम से लांघ जालीसं एवरेस्ट भी "
    अऊर ई सुनके माइ के चिंता,
संतोस में बदल जाला!