भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"महातम खोइंछा के / सरोज सिंह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरोज सिंह |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBhojpu...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

22:38, 23 जनवरी 2018 के समय का अवतरण

विदाई के बेर
माई देले अचरा में
मुट्ठी भर चाउर
पाँच गोटा हरदी
दूब आउर सिक्का
कहे के थोर होला
बाक़ी एमे भरल रहेला
नेह छोह दुलार
अखंड सौभाग्यवती और
सुखमय जीवन के
आसिरबाद अपरम्पार