भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"डॉक्टर / संजीव ठाकुर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संजीव ठाकुर |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

14:08, 23 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण

डॉक्टर!
मैं पागल हो गया हूँ क्या?
कर नहीं पाता
गधे और घोड़े में भेद
मेरी ‘थिंकिंग’ बहुत ‘एब्स्ट्रैक्ट’ हो गई है।

डॉक्टर!
मुझे जाँचो, परखो
पर, नुसख़ा लिखने से पहले
यह तय कर लो
कि कहीं तुम भी तो?