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माटी से देश की नहीं ऊँचा कोई सम्मान है
यही तो हमारी रोज़ी रोटी यही बस ईमान है।
देखे हैं वतन यूँ तो कई हमने पूरी दुनिया में
जुदा मगर सबसे यही हमारा हिंदुस्तान है।
चरन पखारे इसके, नदियाँ ये पावन कितनी
धरती ये वीरों की, हम इस पर कुर्बान हैं।
हुए शहीद कितने कि इस पर आंच न आए
कुरुक्षेत्र हल्दीघाटी अमिट इसकी पहचान हैं।