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"शेर / सुनीता जैन" के अवतरणों में अंतर

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18:42, 16 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

जितने-जितने हाथ मिले,
मिली न उतनी
झोली,

चौपाए या
दोपाए-
जब संग चले तो
चली दहाड़ के
टोली:

शेरों के मुँह
किसने धोए,
किसने हाँकी,
बोली!