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"आस / सुनीता जैन" के अवतरणों में अंतर

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19:29, 16 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

इस बहके से मौसम, मितवा
बहकी-सी
मनुहार तो हो

थिरक रहा है केकी, किंतु
सखा कहीं पे
पास तो हो

नहीं पास में यदि पियरवा
आने की कुछ
आस तो हो