भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आहट / राजेश शर्मा 'बेक़दरा'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेश शर्मा 'बेक़दरा' |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

18:01, 21 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

तुम्हारे आने की
हल्की सी आहट से
धड़कने बिखरने लगती हैं
गजल बनकर
ठीक उसी पल
जिंदगी अपने होने का
अहसास देती है
हाँ ठीक उसी पल
मेरी जिंदगी शुरू होती है!