भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"बदरंग / राजेश शर्मा 'बेक़दरा'" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेश शर्मा 'बेक़दरा' |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
18:18, 21 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
मैं बदरंग नहीं
सिर्फ बिछड़ा हुआ
रँग हूँ
तुम्हारी होली का
चलो
एक बार फिर
रँगों से खेले
होली
उम्मीदों से तो
खेल चुके