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"कजली 2 / प्रेमघन" के अवतरणों में अंतर

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18:04, 20 मई 2018 के समय का अवतरण

गौरी पण्डित बाटेन बड़े विसनियाँ रे हरी।
रानी बड़हर के घुइरन को सुन्दर घाट टिके है रामा।
रामदीन पण्डित जबदेखलैं जज केनि पटकेनि बहुतै रामा,
हरि हरि दौड़ेनि लैकैं हाथ में पनहियाँ रे हरी॥