भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"नया साल / संजीव ठाकुर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संजीव ठाकुर |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
09:52, 23 मई 2018 के समय का अवतरण
नया साल फिर से आया
नई डायरी,
नया कैलेंडर,
नए-नए तोहफे लाया।
नया साल फिर से आया
नई उमंगें,
नई तरंगें,
नई-नई खुशियाँ लाया।
नया साल फिर से आया
नई ताजगी,
जोश नया,
नए-नए सपने लाया।