भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"विवाह खण्ड (बंगाल राग) / बिहुला कथा / अंगिका लोकगाथा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चन्द्रप्रकाश जगप्रिय |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(कोई अंतर नहीं)

14:34, 24 मई 2018 का अवतरण

होरे जानल पठवोदे चान्दो ब्राह्मनेर बारी रे।
होरे तोहरे बेदे बिहाइयों बाला लखन्दर रे॥
होरे जानल पठउले चांदो भला आर बाड़ी रे।
होरे तोमार मउरे बिहाइबो वाला लखीन्दर रे॥
होरे जालनी पठाउले चांदो सिगरी यार बाड़ी रे।
होरे तोमार सिन्दूर बिहाबो बाला लखीन्दर रे॥
होरे जानली पठउले चांदो गोढ़िया बाड़ी रे।
होरे तोमार फूले बिहबो बाला लखीन्दर रे॥
होरे जानली पठउले चांदो कहारे बाड़ी रे।
होरे तोमार काँधे बिहाइबो बाला लखीन्दर रे॥
होरे जानली पठाउले चांदो डोलीबार बाड़ी रे।
होरे तोमार ढौले बिहाइबो बाला लखीन्दर रे॥
होरे जालनी पठाउले चान्दो मसालवीर बाड़ी रे।
होरे तोमार मसाले बिहाइब बाला लखीन्दर रे॥
होरे जालनी पठउले चान्दो जतियार बाड़ी रे।
होरे तोमार पंच बिहाबो बाला लखीन्दर रे॥