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"काठ हो जाना है / अशोक कुमार" के अवतरणों में अंतर

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10:48, 15 अगस्त 2018 के समय का अवतरण

शेरों को काठ हो जाना है
पेड़ों को काठ हो जाना है

समय की अनुर्वर भूमि पर
खाद पानी के अभाव में
विस्मृत होते हुए
आदमी को काठ हो जाना है।