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"सीख की बातें / नंदेश निर्मल" के अवतरणों में अंतर

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17:48, 3 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

ये बातें तुम मन में धार लें
चमक उठोगे रत्न सरीखे।

झूठ बोलना बुरी बात है
कभी झूठ से नेह न करना।

निन्दा करना बुरी बात है
नहीं किसी की निन्दा करना।

लोभ हमेंशा पतन दिखाता
लोब कभी भी तू मत करना।

अच्छी बात सदा ही सुनना
बुरी बात श्रवण मत करना।

बुरे जनों से दूर रहो तुम
उसकी संगत कभी न करना।

श्रम का फल मीठा होता है
श्रम से आलस कभी न करना।

चोर हमेंशा कष्ट उठाते
जीवन में मत चोरी करना।

अगर टूझे चोरी है करनी
सबके मन का प्यार चुराना।

दुशमम भी हो तो पीछे से
कभी वार उस पर मत करना।