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भील लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मालवे ती हलदुलि मांगाई, पूड़ी बांधी।
मालवे ती हलदुलि मांगाई, पूड़ी बांधी।
मालवे ती हलदुलि मांगाई, घट्ये पिसाई।
मालवे ती हलदुलि मांगाई, वाटक्ये घुलाई।
-मालवे से पूड़ी बाँधकर हल्दी बुलाई पूड़ी बाँधकर। मालवे से हल्दी बुलवाकर घट्टी में पीसी। मालवे से हल्दी बुलवाकर कटोरी मंे घोली।