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भील लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

राम ने लछमण री जोड़ दोई अगियाधारी रे॥
सीताजी रा वेर में लंका ने बाली रे,
रावण मारियो।ं
हाँ रे रावण मारियो, राज तो विभीषण करिया रे,
रावण मारियो॥

- राम-लक्ष्मण दोनों की जोड़ आज्ञाकारी है, सीताजी के बैर में रावण को मारा और राज्य विभीषण ने किया।