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यूपीएससी की वर्ष 2014 की सिविल सेवा परीक्षा में 13वीं रैंक हासिल करने वाले निशान्त जैन, हिन्दी/भारतीय भाषाओं के माध्यम के टॉपर हैं। मुख्य परीक्षा में देश के तीसरे सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले निशान्त ने निबंध और वैकल्पिक विषय (हिंदी साहित्य) के प्रश्नपत्र में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए थे। उत्तर प्रदेश के मेरठ में साधारण पृष्ठभूमि में पले-बढ़े, निशान्त ने UPSC की सिविल सेवा परीक्षा के अपने दूसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की।
इतिहास, राजनीति विज्ञान और अंग्रेजी में ग्रेजुएशन और हिंदी साहित्य में पोस्ट-ग्रेजुएशन के बाद यूजीसी की नेट-जे.आर.एफ. उत्तीर्ण की। कॉलिज के दिनों में डिबेट, काव्यपाठ, निबंध लेखन और क्विज़ प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते रहे निशांत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एम.फिल. की उपाधि प्राप्त की है। वह सिविल सेवा में चयनित होने से पहले भारतीय संसद में लोक सभा सचिवालय के राजभाषा प्रभाग में भी दो साल सेवा कर चुके हैं।
कविताएं लिखने और युवाओं से संवाद स्थापित करने में रूचि रखने वाले निशान्त; भाषा-साहित्य-संस्कृति, गवर्नेंस, जनसंचार, सृजनात्मक लेखन, जेंडर संबधी मुद्दे, शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कार्य के क्षेत्रों में गहरा रुझान रखते हैं। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए 'मुझे बनना है UPSC टॉपर' के नाम से एक बेस्टसेलर किताब भी लिखी है। उनके एम. फ़िल. के शोध पर पुस्तक ‘राजभाषा के रूप में हिंदी’ नेशनल बुक ट्रस्ट से छपी है। बच्चों के लिए लिखीं गयीं उनकी उनकी 31 बाल कविताओं का संकलन ‘शादी बंदर मामा की’ नाम से प्रकाशित है। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा IAS के 2015 बैच के अधिकारी हैं। उनका ब्लॉग है- nishantjainias.blogspot.in