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"दिन बीते बेगारी में / मृदुला झा" के अवतरणों में अंतर

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क्या जायेगा थारी में।
 
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जाऊँ मैं अब किसके दरए
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सबके सब बेकारी में।
 
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बिन रोटी के कितने दिनए
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गुजरेंगे बेजारी में।
 
गुजरेंगे बेजारी में।
  
बीण्पीण्एलण् में नाम नहींए
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बी पी एल में नाम नहीं
घूस की मारा.मारी में।
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घूस की मारा मारी में।
  
माँ.बेटे की आँखों केए
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माँ बेटे की आँखों के
 
सपने हैं दुश्वारी में।
 
सपने हैं दुश्वारी में।
 
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12:42, 28 अप्रैल 2019 का अवतरण

क्या जायेगा थारी में।

जाऊँ मैं अब किसके दर
सबके सब बेकारी में।

बिन रोटी के कितने दिन
गुजरेंगे बेजारी में।

बी पी एल में नाम नहीं
घूस की मारा मारी में।

माँ बेटे की आँखों के
सपने हैं दुश्वारी में।