भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"दो शब्दों के बीच / रश्मि भारद्वाज" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रश्मि भारद्वाज |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:49, 2 अगस्त 2019 के समय का अवतरण

तुम्हारे लिखे दो शब्दों के बीच बेख़्याली से जो जगह छूट जायेगी,
मैं अपनी कविता के साथ वहां मिल जाया करुंगी
उसी जगह, जहाँ तुम्हारे रचे इतिहास से वंचित किए गए लोग रहते हैं,
हारे -थके और दमित लोग
वहीं, जहाँ उनके आँसू रहते हैं,
भूख बसती है,
अंधेरा सहमाता है
तुम्हारे लिखे चमकते पन्नों से मुझे ख़ून की बू आती है