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"सुबह तमाशा शाम तमाशा / राकेश तैनगुरिया" के अवतरणों में अंतर
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16:59, 22 जनवरी 2020 का अवतरण
सुवह तमाशा शाम तमाशा
ये जग आठों याम तमाशा
तुम जीवन को कुछ भी कह लो
सबका है अंजाम तमाशा
गीत कहाँ हैं अब वंशी में
गूँज रहा गुमनाम तमाशा
गरल पिया हँस हँस कर हमने
हो न जाय बदनाम तमाशा
हम सबके सब बाजीगर हैं
सिर्फ हमारा काम तमाशा
ऐ 'राकेश' चलो अब तुम भी
करके ये नीलाम तमाशा