"उजले साथी / भारतेन्दु मिश्र" के अवतरणों में अंतर
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भारतेंदु मिश्र |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:50, 12 मई 2020 का अवतरण
अंध विद्यालय में
पढ़ते हैं बहुत सारे विद्यार्थी
सुनते हैं और बोलते हैं
गाते हैं सुख दुख के गीत
खेलते हैं तरह तरह के खेल
देखते हैं फिल्में कानों से
खेलते हैं नाटक
हम सब की तरह
लिखते हैं ब्रेल में
पढ़ते हैं ब्रेल भाषा की किताबें
रंगों का अनुभव न होने के बावजूद
चीन्ह लेते हैं छूकर
तितलियों को रंगों से
रंगों को ख़ुशबू से
भोजन को स्वाद से
व्यक्ति को शब्द और स्पर्श से
अदभुत है इनकी स्मरण शक्ति
जिसके सहारे ये तय करते हैं
अँधेरी जिंदगी के ऊँचे नीचे रास्ते
जो चढ़ना ही चाहते हैं
वो चढ़ते ही जाते हैं
हिमालय पर
बिना किसी छड़ी के
एक दूसरे का सहारा बनकर
चलते हैं ये
भीड़ भरी सड़कों पर
कुछ अलग तो है
इनकी अनमनी दुनिया
जिसमें रहते हैं ये खुशहाल
कभी जाओ इनके पास
तो संभलकर जाना
तुम्हारी नीयत ये समझ लेंगे
तुम इन्हें चाहे भूल जाओ
ये कभी नहीं भूलेंगे
तुम्हारे शब्द
तुम्हारे गीत
तुम्हारे कहकहे
तुम्हारा फोन नम्बर
और तुम्हारे द्वारा की गई उपेक्षा
इनसे दोस्ती करो
तो सच्चे मन से करना
ये बन सकते हैं
तुम्हारी अजीबोगरीब दुनिया के उजले साथी
ये भर सकते हैं
तुम्हारी बदसूरत ज़िन्दगी में
संगीत के हजारों रंग।