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"हमेशा के लिए / नोमान शौक़" के अवतरणों में अंतर

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किसी अनन्त यात्रा पर<br />
 
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बार-बार की यातना से तंग आकर<br />
 
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बार-बार पोंछी जाएं<br />
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सख्त हथेलियों से<br />
 
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तो चेहरे पर ख़राशें पड़ जाती हैं<br />
 
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हमेशा के लिए !<br />
 
हमेशा के लिए !<br />

23:48, 13 सितम्बर 2008 के समय का अवतरण

निकल जाते हैं सपने
किसी अनन्त यात्रा पर
बार-बार की यातना से तंग आकर

गीली आँखें
बार-बार पोंछी जाएँ
सख्त हथेलियों से
तो चेहरे पर ख़राशें पड़ जाती हैं
हमेशा के लिए !