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"बात खुल के कहीं, भइल बा का ? / मनोज भावुक" के अवतरणों में अंतर

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"हम त हर घात के भुला गइलीं
 
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जिन्दगी में अउर धइल बा का?  
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11:12, 7 जुलाई 2020 का अवतरण

बात खुल के कहीं, भइल बा का?
प्यार के रंग चढ़ गइल बा का?

रंग चेहरा के बा उड़ल काहें ?
चोर मन के धरा गइल बा का?

"हम त हर घात के भुला गइलीं
रउरा मन में अभी मइल बा का ?"

आईं अबहूँ रहे के मिल-जुल के
जिन्दगी में अउर धइल बा का?