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"सड़क पर खड़े लोग / रेखा राजवंशी" के अवतरणों में अंतर

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20:09, 28 जनवरी 2022 के समय का अवतरण

कंगारूओं के देश में
मुझे याद आते हैं
सड़क पर खड़े लोग
अपनी बारी की प्रतीक्षा में
अथक अड़े लोग ।

लुटते, पिटते, बिकते
कटी पतंग से लड़खड़ाते
शराब पीकर बड़बड़ाते
और अपंगता के अपमान की
विवशता पर छटपटाते
नीति और राजनीति में
फर्क न कर पाते ।

वे लोग
जो अस्मिता को
तलाशने के पहले ही
भीड़ बन जाते हैं
कंगारूओं के देश में
मुझे वो लोग
याद आते हैं ।