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"ओस की बूँद / रुचि बहुगुणा उनियाल" के अवतरणों में अंतर

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20:25, 27 अप्रैल 2023 के समय का अवतरण

मैं बस एक ओस की बूँद
तुम प्राची की प्रत्यंचा खींचते भास्कर
भले ही वाष्पित हो जाऊँ तुम्हारे छूते ही
पर मिलना अवश्य
तुम्हारे स्पर्श से मैं आलोकित हो उठती हूँ ।