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"इंतज़ार / रुचि बहुगुणा उनियाल" के अवतरणों में अंतर

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20:26, 27 अप्रैल 2023 के समय का अवतरण

तुम आओ तो चप्पलें उतार के
अपने पैरों को पोछ लेना
तुम्हारे जाने के बाद से ही
समय ठहरा हुआ है...
तलुवों से समय की पीठ सहलाना
पायदान पर ही बैठ गया था
उकड़ूं हो कर इंतज़ार में तुम्हारे!