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"किस ने मुझ को सदा दी बता कौन है / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर
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बारिशों में किसी पेड़ को देखना | बारिशों में किसी पेड़ को देखना | ||
− | शाल ओढ़े | + | शाल ओढ़े हुए भीगता कौन है |
मैं यहाँ धूप में तप रहा हूँ मगर | मैं यहाँ धूप में तप रहा हूँ मगर | ||
− | वो पसीने में डूबा कौन है | + | वो पसीने में डूबा हुआ कौन है |
आसमानों को हमने बताया नहीं | आसमानों को हमने बताया नहीं | ||
डूबती शाम में डूबता कौन है | डूबती शाम में डूबता कौन है | ||
− | ख़ुशबूओं में नहाई | + | ख़ुशबूओं में नहाई हुई शाख़ पर |
− | फूल सा मुस्कुराता हुआ कौन है | + | फूल-सा मुस्कुराता हुआ कौन है |
दिल को पत्थर हुये इक ज़माना हुआ | दिल को पत्थर हुये इक ज़माना हुआ | ||
हम मकाँ में मगर बोलता कौन है | हम मकाँ में मगर बोलता कौन है | ||
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08:06, 10 फ़रवरी 2009 का अवतरण
किस ने मुझको सदा दी बता कौन है
ऐ हवा तेरे घर में छुपा कौन है
बारिशों में किसी पेड़ को देखना
शाल ओढ़े हुए भीगता कौन है
मैं यहाँ धूप में तप रहा हूँ मगर
वो पसीने में डूबा हुआ कौन है
आसमानों को हमने बताया नहीं
डूबती शाम में डूबता कौन है
ख़ुशबूओं में नहाई हुई शाख़ पर
फूल-सा मुस्कुराता हुआ कौन है
दिल को पत्थर हुये इक ज़माना हुआ
हम मकाँ में मगर बोलता कौन है