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"सर से चादर बदन से क़बा ले गई / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर

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सर से चादर बदन से क़बा ले गई
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मैं समुंदर के सीने में चट्टान था
ज़िन्दगी हम फ़क़ीरों से क्या ले गई<br><br>
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रात एक मौज आई बहा ले गई
  
मेरी मुठ्ठी में सूखे हुये फूल हैं <br>
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हम जो काग़ज़ थे अश्कों से भीगे हुये
ख़ुशबुओं को उड़ा कर हवा ले गई <br><br>
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क्यों चिराग़ों की लौ तक हवा ले गई
  
मैं समुंदर के सीने में चट्टान था <br>
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चाँद ने रात मुझको जगा कर कहा
रात एक मौज आई बहा ले गई <br><br>
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एक लड़की तुम्हारा पता ले गई
  
हम जो काग़ज़ थे अश्कों से भीगे हुये <br>
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मेरी शोहरत सियासत से महफ़ूस है
क्यों चिराग़ों की लौ तक हवा ले गई <br><br>
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ये तवायफ़ भी इस्मत बचा ले गई
 
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चाँद ने रात मुझको जगा कर कहा <br>
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मेरी शोहरत सियासत से महफ़ूस है <br>
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ये तवायफ़ भी इस्मत बचा ले गई<br><br>
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16:10, 14 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

सर से चादर बदन से क़बा ले गई
ज़िन्दगी हम फ़क़ीरों से क्या ले गई

मेरी मुठ्ठी में सूखे हुये फूल हैं
ख़ुशबुओं को उड़ा कर हवा ले गई

मैं समुंदर के सीने में चट्टान था
रात एक मौज आई बहा ले गई

हम जो काग़ज़ थे अश्कों से भीगे हुये
क्यों चिराग़ों की लौ तक हवा ले गई

चाँद ने रात मुझको जगा कर कहा
एक लड़की तुम्हारा पता ले गई

मेरी शोहरत सियासत से महफ़ूस है
ये तवायफ़ भी इस्मत बचा ले गई