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"सैसव जौवन दुहु मिल गेल / विद्यापति" के अवतरणों में अंतर
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14:26, 8 मई 2009 का अवतरण
सैसव जौवन दुहु मिल गेल। श्रवनक पथ दुहु लोचन लेल।।
वचनक चातुरि नहु-नहु हास। धरनिये चान कयल परकास।।
मुकुर हाथ लय करय सिंगार। सखि पूछय कइसे सुरत-विहार।।
निरजन उरज हेरत कत बेरि। बिहुँसय अपन पयोधर हेरि।।
पहिले बदरि सम पुन नवरंग। दिन-दिन अनंग अगोरल अंग।।
माधव देखल अपरूब बाला। सैसव जौवन दुहु एक भेला।।
विद्यापति कह तुहु अगेआनि। दुहु एक जोग इह के कह सयानि।।