भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सैसव जौवन दुहु मिल गेल / विद्यापति" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
रचनाकार: [[विद्यापति]]
+
{{KKGlobal}}
[[Category:कविताएँ]]
+
{{KKRachna
[[Category:विद्यापति]]
+
|रचनाकार=विद्यापति
 
+
|संग्रह=
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
+
}}
 
+
 
सैसव जौवन दुहु मिल गेल।
 
सैसव जौवन दुहु मिल गेल।
 
श्रवनक पथ दुहु लोचन लेल।।
 
श्रवनक पथ दुहु लोचन लेल।।

14:26, 8 मई 2009 का अवतरण

सैसव जौवन दुहु मिल गेल। श्रवनक पथ दुहु लोचन लेल।।

वचनक चातुरि नहु-नहु हास। धरनिये चान कयल परकास।।

मुकुर हाथ लय करय सिंगार। सखि पूछय कइसे सुरत-विहार।।

निरजन उरज हेरत कत बेरि। बिहुँसय अपन पयोधर हेरि।।

पहिले बदरि सम पुन नवरंग। दिन-दिन अनंग अगोरल अंग।।

माधव देखल अपरूब बाला। सैसव जौवन दुहु एक भेला।।

विद्यापति कह तुहु अगेआनि। दुहु एक जोग इह के कह सयानि।।