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"प्रेम का गोपनीय / रवीन्द्र दास" के अवतरणों में अंतर

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उन दोनों ने  
 
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तय पाया है कि वे प्रेम 'करते' हैं।  
 
तय पाया है कि वे प्रेम 'करते' हैं।  
 
 
तय किया कि शादी करेंगे  
 
तय किया कि शादी करेंगे  
 
 
यानि  
 
यानि  
 
 
दो प्रेम करने वाले शादी करेंगे।  
 
दो प्रेम करने वाले शादी करेंगे।  
 
 
क्योंकि जरूरी है  
 
क्योंकि जरूरी है  
 
 
जीवन भर के सम्बन्ध के लिए।  
 
जीवन भर के सम्बन्ध के लिए।  
 
 
और सम्बन्ध  
 
और सम्बन्ध  
 
 
जरूरी है प्रेम के लिए।  
 
जरूरी है प्रेम के लिए।  
 
 
प्रेम संबंधों का एक प्रकार है।  
 
प्रेम संबंधों का एक प्रकार है।  
 
 
शादी से सम्बन्ध तय होता है।  
 
शादी से सम्बन्ध तय होता है।  
 
 
हालाँकि दोनों इस बात पर भी सहमत हैं कि  
 
हालाँकि दोनों इस बात पर भी सहमत हैं कि  
 
 
प्रेम करना  
 
प्रेम करना  
 
 
और शादी करना - एकदम अलग-अलग घटनाएँ हैं  
 
और शादी करना - एकदम अलग-अलग घटनाएँ हैं  
 
 
फिर , सवाल है कि  
 
फिर , सवाल है कि  
 
 
प्रेम करना शादी करने की तैयारी है ?  
 
प्रेम करना शादी करने की तैयारी है ?  
 
 
या शादी करना प्रेम करने की तैयारी है ?  
 
या शादी करना प्रेम करने की तैयारी है ?  
 
 
शादी का एक निश्चित तरीका है  
 
शादी का एक निश्चित तरीका है  
 
 
प्रयोजन और सार्थकता भी  
 
प्रयोजन और सार्थकता भी  
 
 
किन्तु प्रेम का ?  
 
किन्तु प्रेम का ?  
 
 
असमंजस है , फिर भी वे तय हैं  
 
असमंजस है , फिर भी वे तय हैं  
 
 
शादी करेंगे  
 
शादी करेंगे  
 
 
क्योंकि प्रेम करते हैं  
 
क्योंकि प्रेम करते हैं  
 
 
लगता है ऐसा  
 
लगता है ऐसा  
 
 
कि शादी न करने में  
 
कि शादी न करने में  
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प्रेम न करने का कोई गोपनीय छुपा है।
  
प्रेम न करने का कोई गोपनीय छुपा है। ( ०९-६-२००३ )
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09:47, 20 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

उन दोनों ने
तय पाया है कि वे प्रेम 'करते' हैं।
तय किया कि शादी करेंगे
यानि
दो प्रेम करने वाले शादी करेंगे।
क्योंकि जरूरी है
जीवन भर के सम्बन्ध के लिए।
और सम्बन्ध
जरूरी है प्रेम के लिए।
प्रेम संबंधों का एक प्रकार है।
शादी से सम्बन्ध तय होता है।
हालाँकि दोनों इस बात पर भी सहमत हैं कि
प्रेम करना
और शादी करना - एकदम अलग-अलग घटनाएँ हैं
फिर , सवाल है कि
प्रेम करना शादी करने की तैयारी है ?
या शादी करना प्रेम करने की तैयारी है ?
शादी का एक निश्चित तरीका है
प्रयोजन और सार्थकता भी
किन्तु प्रेम का ?
असमंजस है , फिर भी वे तय हैं
शादी करेंगे
क्योंकि प्रेम करते हैं
लगता है ऐसा
कि शादी न करने में
प्रेम न करने का कोई गोपनीय छुपा है।

( ०९-६-२००३ )