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हरीश भादानी
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जन्म | 11 जून 1933 |
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निधन | 2 अक्तूबर 2009 |
जन्म स्थान | बीकानेर, राजस्थान |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
अधूरे गीत (1959),सपन की गली (1961), हँसिनी याद की (1963), एक उजली नज़र की सुई (1966),सुलगते पिण्ड (1966), नष्टो मोह (1981), सन्नाटे के शिलाखंड पर (1982), एक अकेला सूरज खेले (1983), रोटी नाम सत है (1982), सड़कवासी राम (1985), आज की आंख का सिलसिला (1985), पितृकल्प (1991), साथ चलें हम (1992), मैं मेरा अष्टावक्र (1999), क्यों करें प्रार्थना (2006), आड़ी तानें-सीधी तानें (2006) | |
विविध | |
विस्मय के अंशी है (1988) और सयुजा सखाया (1998) के नाम से दो पुस्तकों में ईशोपनिषद व संस्कृत कविताओं तथा असवामीय सूत्र, अथर्वद, वनदेवी खंड की कविताओं का गीत रूपान्तर प्रकाशित। | |
जीवन परिचय | |
हरीश भादानी / परिचय |
- अपना ही आकाश / हरीश भादानी (कविता-संग्रह)
- शहरीले जंगल में / हरीश भादानी (कविता-संग्रह)
- सुलगते पिण्ड / हरीश भादानी (कविता-संग्रह)
- सन्नाटे के शिलाखण्ड पर / हरीश भादानी (कविता-संग्रह)
- आड़ी तानें सीधी तानें / हरीश भादानी (कविता-संग्रह)
- मैंने नहीं कल ने बुलाया है! / हरीश भादानी
- क्षण-क्षण की छैनी से काटो तो जानूँ! / हरीश भादानी
- रोटी नाम सत है / हरीश भादानी
- / हरीश भादानी
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