"सदस्य वार्ता:Pankaj Dwivedi" के अवतरणों में अंतर
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16:07, 7 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
प्रिय Pankaj Dwivedi, कविता कोश पर आपका स्वागत है! कविता कोश हिन्दी काव्य को अंतरजाल पर स्थापित करने का एक स्वयंसेवी प्रयास है। इस कोश को आप कैसे प्रयोग कर सकते हैं और इसकी वृद्धि में आप किस तरह योगदान दे सकते हैं इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सूचनायें नीचे दी जा रही हैं। इन्हे कृपया ध्यानपूर्वक पढ़े। |
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क्यों डर रहे हो तुम अब यह तो निश्चित था बहुत पहले से ही शायद बहुत पहले से भी पहले की तुम्हे छोड़ना है वो सब जो किसी और को छोड़ कर तुम्हारा हो गया था तो फिर क्यों हैं आंसुओं से भरी तुम्हारी पलकें क्यों हैं गर्म ये साँसें क्या बस इस बात पर जो पहले से ही पराया था उससे और भी किनारा हो गया है नहीं अब और मोह नहीं किसी और किसी से भी नहीं कुछ भी और कुछ भी नहीं क्यों की तुम्हे छोड़ना है उन सभी को जो छोड़ गए किसी को हाँ डरना मत चाहे तुम्हे स्वंय को की छोड़ना पड़े पसीना पोंछो और छोड़ दो सब कुछ क्यों की ये सब निश्चित है बहुत पहले से ही शायद बहुत पहले से भी पहले ?