भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सरहपा
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:52, 28 मई 2014 का अवतरण
सरहपा
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | 8वीं शताब्दी (पूर्व भाग) अनुमानित |
---|---|
निधन | 8वीं शताब्दी अनुमानित |
उपनाम | सरोरुह वज्र, राहुल वज्र |
जन्म स्थान | ग्राम राज्ञी, भागलपुर (भंगल) |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
दोहाकोशगीति | |
विविध | |
आदिकाल(अपभ्रंश) के कवि। इन्हें हिन्दी का पहला कवि माना जाता है। इनसे पहले कवि बाण का नाम आता है, लेकिन बाण की रचनाएँ उपलब्ध नहीं हैं। | |
जीवन परिचय | |
सरहपा / परिचय |
राहुल सांकृत्यायन द्वारा अनूदित वज्रगीतियाँ
- जिमि पवन-घाते अचल जल / सरहपा
- पशु जिसमें दुःख न करै, पंडित उसमें दुःख भरै / सरहपा
- [[विकसित आन* न्द का विषय पाइ / सरहपा
- जो परखै, सर्प डंसै, सोई मरै / सरहपा
- तर्जनी से लखाए अन्तरिक्ष दीखै नही गुरु से लखाया / सरहपा
- पथरकटनी और श्वेतपटी / सरहपा
सरहपा के पद
- अद्भुत हुंकार - भव चित्त गगने / सरहपा
- रण्डी -मुण्डी अण्णवि बेसें / सरहपा
- दुलि दुहि पिटा धरण न जाउ / सरहपा
- ऊँचा-ऊँचा पाबत, तहिं वसै सबरी वाला / सरहपा
- ब्राह्मण न जानते भेद / सरहपा
- ध्यान-रहित क्या कीजै ध्यानै / सरहपा
- गुरु के वचन अमियरस / सरहपा
- खाते पीते सुरत रमंते / सरहपा
- एहिं सों सरस्वती प्रयाग / सरहपा