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चौपाल

Kavita Kosh से
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चौपाल की पुरानी बातें

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जितेंद्र कुमार का नाम कोश में शामिल कीजिए।

इन के बारे में इधर पढ़िए। आपको जँचे तो इनका नाम शामिल कीजिए। वैसे इनकी किताबों में इन्होंने अपने नाम के आगे शर्मा नहीं लिखा है।

सुमितकुमार ओम कटारिया (वार्ता) 15:50, 1 जून 2016 (CDT)


सक्रिय योगदानकर्ताओं से

कविता कोश के सभी सक्रिय सदस्यों को मेरा नमस्कार! आशा है आप सभी स्वस्थ और सानंद होंगे। कविता कोश तेज़ी से प्रगति कर रहा है यह बहुत खुशी की बात है। इस प्रगति में आप सभी का योगदान सम्मिलित है। अब समय आ गया कि हम कोश की गुणवत्ता की ओर भी ध्यान दें। हमें केवल इस कोश में अधिकाधिक पन्नें नहीं बनाने हैं बल्कि परफ़ेक्ट पन्नें बनाने हैं। आप सभी सक्रिय सदस्य लम्बें समय से सक्रिय हैं अत: आपको अपने अनुभव का प्रयोग करते हुए परफ़ेक्ट पन्नें बनाने चाहिएँ।

सफ़र हो शाह का या क़ाफ़िला फ़क़ीरों का / अतुल अजनबी जैसे बने पन्नें कोश में स्वीकार्य नहीं हैं। इस ग़ज़ल में शे’रों के बीच दिए गए डॉट्स को हम कोश में कहीं भी प्रयोग नहीं करते। हमें इस तरह का कॉपी-पेस्ट-कार्य से आगे बढ़कर परफ़ेक्ट पन्नें बनानें होंगे। ऐसे पन्नें को बनाने का कोई बहुत अधिक फ़ायदा नहीं है जिसे अन्य लोगों को सुधारना पड़े। हम सभी के पास समय की कमी है –अत: हमें चाहिए कि चाहे हम कम पन्नें बनाएँ –लेकिन परफ़ेक्ट पन्नें बनाएँ।

कविता कोश के मानक पन्नें पर दी गई बातों का हर पन्नें पर अक्षरश: पालन करने से भी हम कोश के मानकीकरण की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। कोश में सभी पन्नों पर जितनी अधिक हो सके उतनी अधिक समानता बहुत ज़रूरी है। अगर हम मानक गलत बनाते हैं लेकिन उस मानक का अक्षरश: पालन करते हैं तो बाद में ग़लती समझ आने पर सब कुछ सुधारना अपेक्षाकृत आसान होता है। इसके उलट अगर हम विभिन्न पन्नों पर मन-माफ़िक काम करेंगे और हर पन्नें पर अलग ही किस्म की ग़लतियाँ नज़र आएंगी तो हमें इन ग़लतियों को सुधारने में बहुत अधिक समय नष्ट करना पड़ेगा।

कॉपी-पेस्ट आसान काम है –लेकिन कविता कोश के अनुभवी योगदानकर्ताओं से अपेक्षा होती है कि वे आंख बंद करके कॉपी-पेस्ट ना करें।

कोश में नई टेम्प्लेट बनाने से पहले हमें बहुत कुछ सोचना होता है। नई टेम्प्लेट या तो ना बनाए –या फिर बनाने से पहले मुझसे उसके बारे में चर्चा कर लें।

कविता कोश में आप सभी योगदान सराहनीय है और एक-समान भाव से सम्मान का पात्र है। कोश में सबसे अधिक पन्नें बनाने या अधिक बदलाव करने की प्रतियोगिता में ना पड़ें। इसके बजाए परफ़ेक्ट पन्नें बनाने की ओर ध्यान दें और कोश में पहले से मौजूद ग़लतियों को सुधारने की ओर ध्यान दें।

लालित्य इंटरनेशनल के ज़रिए प्राप्त हुई धनराशी की मदद से कविता कोश को एक बेहतर सर्वर पर स्थानांतरित किया जा चुका है। वेबसाइट के कोड में भी मैंने बहुत-से बदलाव किए हैं। इस सबके चलते वेबसाइट पहले के मुकाबिले बेहतर हुई है लेकिन अभी भी कई समस्याएँ आड़े आ जाती हैं। मेरी कोशिश रहती है कि कविता कोश लगातार पाठकों को उपलब्ध रहे।

मैं लालित्य इंटरनेशनल के ज़रिए कविता कोश हेतु धन-जुटाने की कोशिश में व्यस्त हूँ। अनुभव से समझ आया है कि यह अपने आप में एक मुश्किल और बड़ा काम है। बहरहाल, धन उपलब्ध होते ही 500 से अधिक पृष्ठों का निर्माण करने वाले सभी योगदानकर्ताओं को उनके कार्य के अनुपात में आर्थिक मानदेय अर्पित किया जाएगा। उम्मीद है कि इससे योगदानकर्ताओं को निजी जीवन में सहायता मिलेगी।

कविता कोश को अब परफ़ेक्शन की ज़रूरत है। पन्नें बनाते समय कृपया इसका पूरा ध्यान रखें। पन्नों को बनाने के नियमों और मानकों का पालन नहीं करने पर मजबूरन योगदानकर्ता के अधिकारों को सीमित करना पड़ सकता है। ग़लती करें लेकिन ग़लती को दोहराएँ नहीं। ग़लती करके सीखना हम सभी के लिए बहुत ज़रूरी है।

आप सभी के लिए मंगलकामना सहित

आपका ही

--Lalit Kumar (वार्ता) 12:09, 23 जुलाई 2012 (IST)

मानकीकरण पृष्ठ पर समस्या

आदरणीय महोदय

कविताकोश के मानकीकरण पृष्ठ पर 'सितंबर' माह हेतु मानक शब्द 'सितम्बर' अंकित है जबकि किसी भी लेखक की जन्मतिथि सितम्बर लिखने पर बिना बने पन्ने के अनुरूप लाल रंग से चमकता है जबकि सितंबर लिखने पर वह बने पन्ने के अनुरूप नीले रंग का बना दिखता है अतुल अजनबी का पन्ना बनाने में यह समस्या प्रकट हुयी है कृपया इस ओर ध्यान देकर इसे सही करने का कष्ट करें।

--अशोक कुमार शुक्ला (वार्ता) 13:02, 24 जुलाई 2012 (IST)