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ईद - 2 / हरकीरत हकीर

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जब मुहब्बत का
चाँद चढ़ा
कई सारी नज्में
कागचों पर उतर आईं
उसके ख्यालों की भी
और मेरे ख्यालों की भी
ईद हो गई …।