भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दस्ते-तहे-संग / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:41, 13 मार्च 2011 का अवतरण
दस्ते-तहे-संग
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | उर्दू-हिन्दी |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
ग़ज़लें
- जमेगी कैसे बिसाते-याराँ / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- बे-दम हुए बीमार दवा क्यों नहीं देते / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- ये ज़फ़ा-ए-ग़म का चारः / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- आज यूँ मौज-दर मौज ग़म थम गया / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- यक-ब-यक शोरिशे-फुग़ाँ की तरह / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- न गँवाओ नावके-नीमकश / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- हर सम्त परीशाँ तिरी आमद के क़रीने / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- शरहे-फ़िराक़ मदहे-लबे-मुश्कबू करें / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्में
- सरे-आग़ाज़ / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- दस्ते-तहे-संग आमदः / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- सफ़रनामा / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- जश्न का दिन / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- शाम / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- तुम ये कहते हो अब कोई चारा नहीं / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- शोरिशे-ज़ंजीर बिस्मिल्लाह / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- क़ैदे-तनहाई / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- दो मर्सिए / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- कहाँ जाओगे / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- शह्रे-याराँ / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- खुशा ज़मानते-ग़म / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- जब तेरी समंदर आँखों में / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- रंग है दिल का मिरे / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- पास रहो / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- मंज़र / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़