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इफ़्तिख़ार आरिफ़
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इफ़्तिख़ार आरिफ़
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जन्म | 21 मार्च 1943 |
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जन्म स्थान | लखनऊ, उत्तरप्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
हर्फ़-इ-बर्याब, जहान-ए-मालूम | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
इफ़्तिख़ार आरिफ़ / परिचय |
- अब भी तौहीन-ए-इताअत नहीं होगी हम से / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- अज़ाब ये भी किसी और पर नहीं आया / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- अज़ाब-ए-वहशत-ए-जाँ का सिला न माँगे कोई / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- दयार-ए-नूर में तीरा-शबों का साथी हो / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- हामी भी न थे मुनकिर-ए-ग़ालिब भी नहीं थे / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- हरीम-ए-लफ़्ज़ में किस दर्जा बे-अदब निकला / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- हिज्र की धूप में छाँव जैसी बातें करते हैं / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- इन्हीं में जीते इन्हीं बस्तियों में मर रहते / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- कहाँ के नाम ओ नसब इल्म क्या फ़ज़ीलत क्या / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- कहीं से कोई हर्फ़-ए-मोतबर शायद न आए / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- ख़्वाब-ए-देरीना से रुख़्सत का सबब पूछते हैं / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- कोई मुज़्दा न बशारत न दुआ चाहती है / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- कोई तो फूल खिलाए दुआ के लहजे में / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- मेरे ख़ुदा मुझे इतना तो मोतबर कर दे / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- सजल के शोर ज़मीनों में आशियाना करे / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- समझ रहे हैं मगर बोलने का यारा नहीं / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- सुख़न-ए-हक़ को फ़ज़ीलत नहीं मिलने वाली / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- थकन तो अगले सफ़र के लिए बहाना था / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- वही प्यास है वही दश्त है वही घराना है / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- ये बस्ती जानी पहचानी बहुत है / इफ़्तिख़ार आरिफ़
- ज़रा सी देर को आए थे ख़्वाब आँखों में / इफ़्तिख़ार आरिफ़